सज्जन कुमार बवेजा की लाश सचमुच खौफनाक थी।
करबट के बल पड़ी लाश की कलाइयाँ पीठ के पीछे आपस में बंधी थी... टखने परस्पर एक दूसरे के साथ बंधे थे... उसे चमड़े की बैल्टों से मजबूती के साथ पलंग पर बंधा गया था... कपड़ों पर सूखे खून के दाग...बदन पर जगह- जगह मौजूद मरने से पहले की गई पिटाई के निशान... चेहरा खरोंचों से भरा... बुरी तरह कटे होंठ... एक कान फटा हुआ... सर पर कई जगह चोंटों के निशान और गूमड़...एक हाथ की उँगलियों के नाखूनों में फंसे जली तीलियों के अवशेष...।
जाहिर था उसे बड़े ही हिंसक ढंग से यातनाएं दी गई थीं... और ये सब दस-बारह रोज तक तो चला ही लगता था। लेकिन पड़ौस में और ऊपर-नीचे रहने वालों को उसके फ्लैट में न तो कोई आता जाता दिखाई दिया और न ही किसी तरह की आहट तक सुनाई दी... बेहद वहशियाना दरिंदगी भरा प्लांड मर्डर... इसके बाद दो और इसी तरह की गई हत्याएं... एक ही मर्डर प्लान तीन बार रिपीट...
रहस्य, रोमांच और सस्पैंस से भरपूर एक बेहद पेचीदा मर्डर मिस्ट्री...
Language | Status |
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English
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Already translated.
Translated by Roy DSilva
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